गेम्स मेडल
खेल | परिणाम | खेल | इवेंट |
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खेल | परिणाम | खेल | इवेंट |
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रियो 2016 2016
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#=17 | Tennis | Doubles |
#4 | Tennis | Doubles |
खेल | परिणाम | खेल | इवेंट |
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लंदन 2012 2012
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#=17 | Tennis | Doubles |
#=5 | Tennis | Doubles |
खेल | परिणाम | खेल | इवेंट |
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बीजिंग 2008 2008
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#=33 | Tennis | Singles |
#=9 | Tennis | Doubles |
सानिया मिर्ज़ा जीवनी
ये कहना गलत नहीं होगा कि सानिया मिर्जा भारत की सर्वश्रेष्ठ महिला टेनिस खिलाड़ी हैं। जनवरी 2020 में, जब वो पहली बार मां बनने के बाद टेनिस कोर्ट पर लौटीं, तो उनमें न तो खेल के लिए उत्साह में कोई कमी दिखी और न ही अपने खेल के लिए महत्व में कोई कमी। उनके शक्तिशाली फोरहैंड से ये सब जाहिर था।
ये वही सानिया मिर्जा थीं जो छह बार की ग्रैंड स्लैम चैंपियन रह चुकी थीं, जो कि डबल्स में पूर्व वर्ल्ड नंबर एक और तीन बार का ओलंपिक तक का सफर तय कर चुकी हैं।
रियो 2016 ओलंपिक में सेमीफाइनल तक का सफर तय करने वाली सानिया मिर्ज़ा के नाम पर 42 WTA युगल खिताब हैं। वो अभी तक की सबसे सफल सक्रिय युगल खिलाड़ी भी हैं। वो WTA की सिंगल्स रैंकिंग के शीर्ष 30 में जगह बनाने वाली एकमात्र भारतीय हैं। सानिया मिर्ज़ा ने डबल्स में ज्यादा सफलता हासिल की है।
विशेष रूप से मार्टिना हिंगिस के साथ उनकी साझेदारी बहुत ज्यादा सफल रही है। सानिया और हिंगिस की जोड़ी न केवल स्विस और भारतीय प्रशंसकों के लिए देखने लायक थी, बल्कि दुनिया भर के टेनिस प्रशंसकों के लिए एक अलग ही रोमांच था। दोनों ने अपने-अपने करियर में अपनी प्रतिभा को सबके सामने दिखाया और टेनिस में एक नया अध्याय जोड़ा।
हिंगिस और मिर्जा की जोड़ी ने 2015 से 2016 के बीच तीन ग्रैंड स्लैम खिताब और दो WTA फाइनल खिताब पर कब्ज़ा किया, साथ ही एक जोड़ी के रूप में 41 मैच जीतने का रिकॉर्ड भी बनाया।
मुंबई में जन्मी सानिया मिर्ज़ा बहुत कम उम्र में हैदराबाद चली गईं और 6 साल की उम्र से टेनिस खेलना शुरू कर दिया। उससे पहले उनके पिता ने उन्हें कोचिंग देना शुरू कर दिया, क्योंकि टेनिस किट और यात्रा का बोझ वो उठाने में असमर्थ थे।
उनमें प्रतिभा की कोई कमी नहीं थी। सानिया मिर्ज़ा को बड़ा ब्रेक 2002 में एक युवा के रूप में मिला जब लिएंडर पेस ने एशियाई खेलों में मिश्रित युगल में कांस्य पदक जीतने के लिए उनके साथ जोड़ी बनाई थी।
जल्द ही वो 2005 में यूएस ओपन में एक ग्रैंड स्लैम टूर्नामेंट के चौथे दौर में पहुंचने वाली पहली भारतीय महिला बनीं और फिर उसी वर्ष WTA खिताब जीतने वाली पहली भारतीय महिला बनीं।
तेजी से आगे बढ़ते हुए सानिया ने 2009 में महेश भूपति के साथ अपना पहला ग्रैंड स्लैम, ऑस्ट्रेलियन ओपन में मिश्रित युगल खिताब जीता। इस जोड़ी ने 2012 के फ्रेंच ओपन में दूसरा खिताब जीता और फिर उन्होंने 2014 के यूएस ओपन में ब्राजील के ब्रूनो सोरेस के साथ मिलकर खिताब अपने नाम किया।
इस बीच वो अपने दमदार प्रदर्शन के दम पर 2015 में डबल्स की विश्व रैंकिंग में नंबर 1 पर पहुंच गईं। उस साल उन्होंने मार्टिना हिंगिस के साथ खेलना जारी रखा, सानिया मिर्ज़ा ने विंबलडन में अपनी पहली महिला डबल ग्रैंड स्लैम जीता। इस जोड़ी ने दो महीने बाद वही फॉर्म जारी रखते हुए यूएस ओपन और 2016 ऑस्ट्रेलियन ओपन पर कब्जा किया।
2008 बीजिंग ओलंपिक में ओलंपिक पदार्पण करने वाली सानिया मिर्ज़ा रियो 2016 में रोहन बोपन्ना के साथ मिश्रित युगल में पदक जीतने के सबसे करीब आ गई थीं।
रियो में टेनिस की चौथी वरीयता प्राप्त भारतीय जोड़ी ने कुछ शानदार खेल भी दिखाए, जिसमें ब्रिटिश जोड़ी हीथर वॉटसन और एंडी मरे के खिलाफ शानदार मैच देखने को मिला। हालांकि ये जोड़ी सेमीफाइनल में अमेरिका के वीनस विलियम्स और राजीव राम से हार गई।
सेमीफाइनल में हार के बाद अभी भी भारतीय जोड़ी से कांस्य पदक की उम्मीद की जा रही थी। भारतीय जोड़ी को लूसी हेडेक और रोडेक स्टेपनेक के खिलाफ सीधे सेटों में हार का सामना करना पड़ा। इस हार को सानिया मिर्जा ने अपने जीवन के सबसे निराशाजनक हार बताया।
सानिया मिर्ज़ा ने 2010 में पाकिस्तानी क्रिकेटर शोएब मलिक से शादी की और फिर 2018 में इस दंपत्ति ने इज़हान मिर्ज़ा मलिक को जन्म दिया।
जिसकी वजह से उन्होंने टेनिस से आराम लिया, लेकिन जब वो कोर्ट पर लौटीं तो उनकी शैली में कोई बदलाव नहीं था। वापसी करते ही सानिया ने 2020 होबार्ट इंटरनेशनल में युगल खिताब जीता और फिर भारत को अपने पहले फेड कप प्लेऑफ में पहुंचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
वापसी के बाद उन्होंने कहा कि "वापसी करने का कारण ये था कि महिलाओं को ये बताना था कि आप अपने सपनों को पूरा कर सकती हैं। आपके पास एक बच्चा है सिर्फ इसलिए आपको अपनी पूरी ज़िंदगी का बलिदान नहीं देना होता है। आप उसके बाद भी एक अच्छी माँ बन सकती हैं (काम करने के साथ साथ)।”
पद्म भूषण और राजीव गांधी खेल रत्न जैसे खिताबों से सम्मानित, सानिया मिर्जा की उपलब्धियों ने भारत में टेनिस में व्यापक और बड़े स्तर पर युवाओं के भीतर रुचि पैदा करने में मदद की है।