वैसे तो विश्व में कई सारे खेल खेले जाते हैं और बैडमिंटन भी उन्हीं में से एक खेल है जो दुनिया भर में बहुत प्रसिद्ध है। इस खेल के शुरूआती अध्याय में एशियन देशों का दबदबा बना हुआ था लेकिन अब यूरोपियन देश भी इस खेल में बढ़त बनाते दिखाई देते हैं।
भारतीय बैडमिंटन प्रशंसकों के लिए ख़ुशियों के पल तब आए जब लंदन 2012 के दौरान साइना नेहवाल (Saina Nehwal) ब्रॉन्ज़ मेडल जीत कर पहली भारतीय बनीं जिनके सिर पर विश्व नंबर 1 का ताज सजा हो। यह साल 2015 में हुआ था और मेंस साल 2017 में किदांबी श्रीकांत (Kidambi Srikanth) ने यह उपलब्धि मेंस सिंगल्स में हासिल की थी।
अभी की बात की जाए तो रियो 2016 की सिल्वर मेडल विजेता पीवी सिंधु (PV Sindhu) भारत की सर्वश्रेष्ठ शटलर हैं जो फिलहाल वुमेंस सिंगल्स वर्ग में विश्व नंबर 7 पर काबिज़ हैं।
खिलाड़ियों की रैंकिंग चाहे हर प्रतियोगिता के साथ ऊपर नीचे होती है लेकिन क्या आप जानते हैं कि इसे गिना कैसे जाता है? किन प्रतियोगिताओं के लिए कितने अंक मिलते हैं और वह दूसरों से कैसे अलग हैं? आइए जानते हैं:
BWF वर्ल्ड रैंकिंग
हर खिलाड़ी की क्षमता पहचाननी बहुत ज़रूरी होती है। हर शटलर के 52 हफ़्तों की प्रतियोगिता को जोड़ा जाता है और फिर उन अंकों को जोड़ा जाता है।
BWF वर्ल्ड रैंकिंग में मुख्य 5 वर्ग हैं और वह हैं – मेंस सिंगल्स, वुमेंस सिंगल्स, मेंस डबल्स, वुमेंस डबल्स और मिक्स्ड डबल्स।
खिलाड़ी/जोड़ी जैसे जैसे किसी प्रतियोगिता में जीत हासिल करते हैं उन्हें उसी प्रतियोगिता में आगे जाने का मौका मिलता है जिस वजह से उनकी झोली में अतिरिक्त अंक आते हैं। अच्छे प्रदर्शन की वजह से खिलाड़ी/जोड़ी को बेहतर प्रतियोगिता में खेलने का अवसर मिलता है जो कि उनकी रैंकिंग के लिए सबसे ज़्यादा महत्वपूर्ण साबित होता है। ग़ौरतलब है कि ग्रेड 1 की प्रतियोगिताएं ग्रेड 2 से ज़्यादा अंक देती हैं।
इस आंकलन से ऐसा न समझें कि कोई भी शटलर या बैडमिंटन जोड़ी अगर ज़्यादा टूर्नामेंट में हिस्सा लेते हैं तो उनके पास ज़्यादा अंक होते हैं। बैडमिंटन वर्ल्ड रैंकिंग को इस तरीके से बनाया गया है कि किसी भी खिलाड़ी की 52 हफ़्तों में बेस्ट 10 स्कोरिंग प्रतियोगिताएं गिनी जाएंगी और उस हिसाब से उन्हें अंक दिए जाएंगे।
अगर किसी खिलाड़ी ने 10 या 10 से कम इवेंट में हिस्सा लिया है तो वह उन सभी में कमाएं अंकों को गिन सकता है और आगे बढ़ सकता है।
ऐसे ही अगर कोई शटलर या जोड़ी 10 से अधिक प्रतियोगिताओं में हिस्सा लेते हैं तो ऐसे में उनके सर्वश्रेष्ठ 10 प्रदर्शन को ही गिना जाता है। उदाहरण के तौर पर किसी खिलाड़ी ने 12 प्रतियोगिताओं में शिरकत की है तो ऐसी दो प्रतियोगिताओं को नहीं गिना जाएगा जिसमें उन्होंने सबसे कम अंक बटोरे हैं।
वहीं BWF जूनियर रैंकिंग में खिलाड़ियों या जोड़ियों की सर्वश्रेष्ठ 7 प्रतियोगिताओं को गिना जाता है जिन्हें पिछले 52 हफ़्तों में खेला गया हो।
अंक कैसे बांटे जाते हैं
इस तरह अंकों का बंटवारा किया जाता है।
ग्रेड 1 इवेंट (BWF वर्ल्ड चैंपियनशिप/ओलंपिक)
विजेता 13000 अंक; रनर अप 11000 अंक, 3/4वीं पोज़ीशन 9200 अंक (ओलंपिक में तीसरा स्थान 10,100 अंक और चौथा स्थान 9200 अंक)
ग्रेड 2 इवेंट (लेवल 1 - BWF वर्ल्ड टूर फाइनल और लेवल 2 – एशियन चैंपियनशिप)
विजेता 12000 अंक; रनर अप 10200 अंक, 3/4वीं पोज़ीशन – 8400 अंक
ग्रेड 2 इवेंट (लेवल 3 – कुछ BWF वर्ल्ड टूर प्रतियोगिताएं)
विजेता 11000 अंक; रनर अप - 9350 अंक, 3/4वीं पोज़ीशन – 7700 अंक
ग्रेड 2 इवेंट (लेवल 4 – कुछ BWF वर्ल्ड टूर और यूरोपियन चैंपियनशिप)
विजेता 9200 अंक, रनर अप 7800 अंक, 3/4वीं पोज़ीशन – 6420 अंक
ऊपर दी गई गणना से प्रतियोगिता के स्तर का अंदाजा लगाया जा सकता है जिसमें वर्ल्ड चैंपियनशिप या ओलंपिक ग्रेड 2 की प्रतियोगिताओं से ज़्यादा भारी होती हैं और इसमें अंक भी ज़्यादा मिलते हैं।
अगर ऐसा होता है कि किन्हीं दो खिलाड़ियों ने एक समान अंक हासिल किए हैं तो उनमें से जिस भी खिलाड़ी ने 52 हफ़्तों में ज़्यादा प्रतियोगिताएं खेली हैं उन्हें बेहतर रैंक दी जाती है। अगर अंक और इवेंट भी एक समान हैं तो फिर दोनों को बराबर की रैंक दी जाती है।
BWF टूर रैंकिंग
साल 2018 से बैडमिंटन वर्ल्ड फेडरेशन (Badminton World Federation – BWF) ने नया सिस्टम बनाया है जिसका नाम है BWF वर्ल्ड टूर जिसमें एक साल में 26 टूर्नामेंट खेले जाएंगे।
नए नियम के अनुसार जो भी खिलाड़ी 26 प्रतियोगिताओं के बाद टॉप 8 में अपना नाम शुमार कर लेता है तो उसे साल के अंत में BWF वर्ल्ड टूर फाइनल खलेने का मौका मिलता है और फिर वहां से एक चैंपियन उभरता है। वुमेंस चैंपियनशिप 2018 में इसे पहली बार आयोजित किया गया था और इसे भारतीय बैडमिंटन स्टार पीवी सिंधु ने अपने नाम किया था।
BWF वर्ल्ड टूर बैडमिंटन वर्ल्ड रैंकिंग से अलग होती है। जहां वर्ल्ड रैंकिंग को 52 हफ़्तों की प्रतियोगिताओं के बाद आंकलन किया जाता है तो वहीं BWF वर्ल्ड टूर रैंकिंग में खिलाड़ियों के 26 BWF वर्ल्ड टूर इवेंट को मद्देनज़र रखते हुए गिना जाता है।
उदाहरण के तौर पर चीनी ताइपे दिग्गज ताई त्ज़ु-यिंग (Tai Tzu Ying) अभी विश्व नंबर 1 पर हैं जो कि 52 हफ़्तों के प्रदर्शन की बदौलत हुआ है।
ऐसा नहीं है कि अगर यह शटलर विश्व में 1 नंबर पर हैं तो BWF वर्ल्ड टूर रैंकिंग में भी वह उसी स्थान पर होंगी। फिलहाल ताई त्ज़ु-यिंग की BWF वर्ल्ड टूर रैंकिंग में वह 8वें पायदान पर है।
BWF वर्ल्ड टीम रैंकिंग
BWF हर तीन महीने में रैंकिंग बताता है ताकि इस बिनाह पर देशों की रैंकिंग की जा सके। ऐसे में थॉमस और उबेर कप और सुदीरमन कप व्यक्तिगत इवेंट का महत्व बढ़ जाता है।
BWF वर्ल्ड रैंकिंग में देखा जाता है कि किस देश से कितने खिलाड़ी व्यक्तिगत इवेंट में हिस्सा ले रहे हैं और यह भी 5 वर्गों में विभाजित होते हैं – मेंस सिंगल्स, वुमेंस सिंगल्स, मेंस डबल्स, वुमेंस डबल्स और मिक्स्ड डबल्स
अगर किसी देश में एक ऐसा खिलाड़ी हो जो:
टॉप 3– 1500 अंक
टॉप 3-10– 1200 अंक
टॉप 10-20 – 1000 अंक
टॉप 20-50 – 750 अंक
टॉप 50 – 100 – 500 अंक
इसी तरह सभी देशों को अंक दिए जाते हैं और जो भी ज़्यादा हासिल करते हैं उनकी रैंक ऊपर होती है। BWF वर्ल्ड टीम रैंकिंग में भारत 9वें स्थान पर विराजमान है।
BWF ‘रेस टू टोक्यो’ रैंकिंग
BWF एक ख़ास रैंकिंग लिस्ट भी जारी की है जिसमें टोक्यो ओलंपिक गेम्स में हिस्सा लेने वाले शटलरों को देखा जा सकता है।
इस लिस्ट में व्यक्तिगत खिलाड़ियों के 29 अप्रैल 2019 से 15 मार्च 2020 और 4 जनवरी 2021 से 2 मई 2021 तक के अंकों को गिना जाएगा।
4 मई 2021 के अंत तक पुरुष और महिला सिंगल्स वर्ग में सर्वश्रेष्ठ 16 खिलाड़ी और पुरुष और महिला युगल में सर्वश्रेष्ठ 8 जोड़ियों को कोटा स्थान दिया जाएगा जिसमें हर देश के हाथ 2 कोटा स्थान आते हैं।
अगर किसी देश में दो से ज़्यादा खिलाड़ी/जोड़ी होते हैं तो ऐसे में ऊपरी रैंक के शटलरों को आगे जाने का मौका मिलता है।
हर देश 5 वर्गों में ज़्यादा से ज़्यादा 8 पुरुष और 8 महिला खिलाड़ियों को आगे भेज सकता है और ऐसे में मेंस, वुमेंस सिंगल्स वर्ग में 38 खिलाड़ी होते हैं और वहीं मेंस, वुमेंस और मिक्स्ड डबल्स में 16 जोड़ियां भाग लेती हैं।
फिलहाल भारत के लिए पीवी सिंधु, बी साई प्रणीत (B Sai Praneeth), मेंस डबल्स चिराग शेट्टी (Chirag Shetty) और सात्विकसाईराज रंकीरेड्डी (Satwiksairaj Rankireddy) ऐसे खिलाड़ी हैं जो टोक्यो ओलंपिक में डायरेक्ट एंट्री ले सकते हैं।
जनवरी 12 से BWF थाईलैंड ओपन की शुरुआत हो रही है और यह भारतीय शटलर साइना नेहवाल और किदांबी श्रीकांत जैसे खिलाड़ियों के आगे लिए बढ़ने का अच्छा मौका है।