पिछले सदी के अधिकांश समय में जो हॉकी की समृद्ध विरासत बनी है, वो ओलंपिक से जुड़ी हुई है।
हर चार साल में, दुनिया की सर्वश्रेष्ठ टीमें ओलंपिक स्वर्ण को जीतने के लिए इकट्ठा होती हैं, जिसे हॉकी में सबसे बड़ा सम्मान माना जाता है। इसमें पहले एशियाई टीमों का दबदबा था, जिसमें अकेले भारत ने आठ और पाकिस्तान ने तीन स्वर्ण पदक जीते थे।
1970 के दशक में एशियाई टीमों के प्रदर्शन में गिरावट देखने को मिली, क्योंकि दुनिया में हॉकी एस्ट्रो-टर्फ पर खेली जाने लगी। ये एक कृत्रिम सतह होती है, जिसे विशेष रूप से हॉकी खेलने के लिए प्राकृतिक घासों से बनाया जाता है। सतह में बदलाव हुआ तो टीमों के प्रदर्शन में भी बदलाव देखने को मिली और यूरोपीय टीमें बहुत बेहतर प्रतिस्पर्धा करने लगीं।
धीरे-धीरे इस खेल का विस्तार होता रहा और 1971 में पहली बार पुरुषों की हॉकी विश्व कप का आयोजन किया गया। इस विश्व कप को पहली बार मार्च 1969 में एक अंतर्राष्ट्रीय हॉकी महासंघ (FIH) परिषद की बैठक में भारत और पाकिस्तान में संयुक्त रूप ये आयोजित करने का फैसला किया गया था।
उस समय के पाकिस्तानी हॉकी फेडरेशन के प्रमुख, एयर मार्शल नूर खान (Air Marshal Nur Khan) ने प्रस्ताव दिया कि पहला हॉकी विश्व कप पाकिस्तान में आयोजित किया जाए। हालांकि, भारतीय उपमहाद्वीप की राजनीतिक गलियारों में शोर के बाद स्पेन को विश्व कप की मेजबानी के लिए चुना गया।
विश्व कप ट्रॉफी 61 सेमी लंबी थी, जिसे पाकिस्तानी सेना के कारीगरों द्वारा डिज़ाइन किया गया था, इसे सोने और चाँदी से बनाया गया था।
हॉकी के खेल में एक नए विश्व टूर्नामेंट के लिए मंच तैयार किया गया था।
पुरुष हॉकी विश्व कप
पहला पुरुष हॉकी विश्व कप एक प्रयोग था और इसे एक सफल टूर्नामेंट कहा जा सकता है क्योंकि इस हॉकी विश्व कप ने लगभग 10,000 लोगों को आकर्षित किया था, जिससे साबित हो गया कि टूर्नामेंट को आगे बढ़ाया जाए तो सफलता मिल सकती है। पाकिस्तान ने पहला FIH हॉकी विश्व कप जीता, जहां फाइनल में उन्होंने मेजबान स्पेन को 1-0 से हराया।
पाकिस्तान पुरुष हॉकी विश्व कप में भी सबसे सफल टीम है, जिसने चार खिताब जीते हैं। नीदरलैंड और ऑस्ट्रेलिया तीन-तीन विश्व कप के साथ उससे पीछे हैं। 1973 में घरेलू धरती पर खिताब जीतने वाला नीदरलैंड पहला मेजबान देश था।
जर्मनी पहला ऐसा देश है जिसने पहली बार लगातार दो विश्व कप खिताब जीता था। भारत और बेल्जियम ने एक-एक विश्व कप जीता है। बेल्जियम ने 2018 में विश्व कप जीता था, जो गत विजेता है।
पुरुष विश्व कप में भारत का प्रदर्शन
भारतीय पुरुष हॉकी टीम ओलंपिक के इतिहास में सबसे बेहतरीन टीमों में से एक है, विश्व कप में भले ही उनका रिकॉर्ड उतना अच्छा नहीं रहा हो, लेकिन ओलंपिक में भारतीय खिलाड़ियों ने डंका जरूर बजाया है।
भारत ने 1975 में इतिहास में सिर्फ एक बार विश्व कप जीता है, जहां फाइनल में जादूगर ध्यानचंद (Dhyanchand) के बेटे अशोक कुमार (Ashok Kumar) ने गोल करते हुए पाकिस्तान पर 2-1 से जीत दिया दी।
टीम के मैनेजर बलबीर सिंह सीनियर (Balbir Singh Sr.) थे और भारतीय हॉकी के इतिहास में जीता गया एकमात्र विश्व कप कप्तान अजीतपाल सिंह (Ajitpal Singh) के नेतृत्व में जीती गई थी।
भारत एक और बार फाइनल तक पहुंचने में सफल रहा। 1973 में भारतीय टीम फाइनल में नीदरलैंड से हार गई थी, जबकि वह उद्घाटन संस्करण में तीसरे स्थान पर रही थी। हालांकि 1975 के बाद से, भारतीय पुरुष हॉकी टीम कभी भी सेमीफाइनल में जगह नहीं बना सकी।
भारत 2023 पुरुष हॉकी विश्व कप की मेजबानी करेगा, ऐसे में टीम फिर से पोडियम पर लौटने की पूरी कोशिश करेगी। आपको बता दें कि 2018 के बाद भारत में होने वाला विश्व कप का लगातार दूसरा संस्करण होगा।
पुरुष हॉकी विश्व कप विजेता टीम की सूची
1971 पाकिस्तान
1973 नीदरलैंड
1975 - भारत
1978 - पाकिस्तान
1982 - पाकिस्तान
1986 - ऑस्ट्रेलिया
1990 - नीदरलैंड
1994 - पाकिस्तान
1998 - नीदरलैंड
2002 - जर्मनी
2006 - जर्मनी
2010 - ऑस्ट्रेलिया
2014 - ऑस्ट्रेलिया
2018 - बेल्जियम
महिला विश्व कप
महिला हॉकी विश्व कप का पहला संस्करण 1974 में आयोजित किया गया था, जो पहले पुरुषों के विश्व कप के तीन साल बाद आयोजित हुआ था। नीदरलैंड महिला हॉकी विश्व कप की उद्घाटन चैंपियन बनी, जहां उन्होंने फाइनल में अर्जेंटीना को 1-0 से हराया था।
1983, 1986, और 1990 में हैट्रिक सहित कुल मिलाकर आठ खिताब जीतकर डचवुमेन विश्व कप में हावी हो गईं, जिसने उन्हें प्रतियोगिता के इतिहास में सबसे सफल टीम बना दिया।
नीदरलैंड ने 2014 और 2018 में हुए पिछले दोनों विश्व कप भी जीते हैं और उनके देश में होने वाले 2022 संस्करण में वो दूसरे विश्व कप हैट-ट्रिक लगाने की तैयारी कर रही हैं।
नीदरलैंड के पीछे दूसरे स्थान के लिए तीन टीमों को बांधा गया है। अर्जेंटीना, ऑस्ट्रेलिया और जर्मनी ने दो-दो विश्व कप खिताब जीते हैं, जिसके साथ जर्मनी 1976 में पश्चिम जर्मनी के रूप में इसकी आड़ में घरेलू विश्व कप जीतने वाला पहला राष्ट्र बना।
महिलाओं के विश्व कप में भारत
भारतीय महिला हॉकी टीम ने हॉकी विश्व कप में अच्छी शुरुआत की, जहां उन्होंने पूल ए में शीर्ष स्थान हासिल किया, जिसमें 1974 की विश्व कप विजेता टीम नीदरलैंड भी शामिल थी।
हालांकि, सेमीफाइनल में भारतीय हॉकी महिला टीम 1-0 से अर्जेंटीना से हार गई और फिर 1974 के विश्व कप में चौथे स्थान पर रही, जहां उन्हें वेस्ट जर्मनी से 2-0 से हार का सामना करना पड़ा था।
ये भारतीय टीम का विश्व कप की प्रतियोगिता में अब तक का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन है। भारतीय महिला हॉकी टीम तब से सेमीफाइनल में भी जगह नहीं बना पाई है।
हालांकि, हाल के दिनों में एक बेहतर फिनिश रिकॉर्ड के साथ टीम शानदार प्रदर्शन कर रही है। यही वजह है कि लगातार दो ओलंपिक खेलों के लिए महिला टीम क्वालीफाई करने में सफल रही है। भारतीय महिला हॉकी टीम नीदरलैंड में होने वाले 2022 विश्व कप में पोडियम पर लौटना चाहेगी।
महिला विश्व कप जीतने वाली टीमों में सूची
1974 - नीदरलैंड
1976 - वेस्ट जर्मनी
1978 - नीदरलैंड
1981 - वेस्ट जर्मनी
1983 - नीदरलैंड
1986 - नीदरलैंड
1990 - नीदरलैंड
1994 - ऑस्ट्रेलिया
1998 - ऑस्ट्रेलिया
2002 - अर्जेंटीना
2006 - नीदरलैंड
2010 - अर्जेंटीना
2014 - नीदरलैंड
2018 - नीदरलैंड
जुनियर विश्व कप
जहां सीनियर पुरुष और महिला हॉकी विश्व कप एक बड़ा मंच माना जाता है, वहीं खेल के सर्वश्रेष्ठ युवा प्रतिभाओं का पता लगाने के लिए एक जूनियर विश्व कप का भी आयोजन होता है, जो अच्छा खेलकर सीनियर टीम में अपनी जगह बना सकते हैं।
नियम के अनुसार जूनियर हॉकी विश्व कप में सिर्फ 21 वर्ष से कम आयु के खिलाड़ी ही इस टूर्नामेंट में खेल सकते हैं।
पहला FIH जूनियर पुरुष हॉकी विश्व कप 1979 में आयोजित किया गया था, जिसमें पाकिस्तान ने उद्घाटन संस्करण जीता था। यह आज तक पाकिस्तान का एकमात्र जूनियर विश्व कप खिताब है।
जर्मनी ने पुरुषों के जूनियर हॉकी विश्व कप में एक समृद्ध विरासत बनाई है, जिसने रिकॉर्ड छह खिताब जीते हैं, जिसमें 1982, 1985, 1989 और 1993 में चार लगातार विश्व कप जीत शामिल है।
भारत पुरुषों की जूनियर हॉकी विश्व कप में दूसरी सबसे सफल टीम है, जिसने दो खिताब जीते हैं (2001 और 2016 में)। गत चैंपियन ने दो बार शीर्ष चार में भी जगह बनाई है।
पहली महिला जूनियर हॉकी विश्व कप 1989 में आयोजित की गई थी, जिसमें वेस्ट जर्मनी ने अपना एकमात्र खिताब जीता था।
महिला जूनियर हॉकी विश्व कप में नीदरलैंड सबसे सफल टीम है, जिसने तीन खिताब जीते हैं, उसके बाद अर्जेंटीना और दक्षिण कोरिया हैं, जिन्होंने दो-दो खिताब अपने नाम किया है।
पुरुष और महिला के जूनियर हॉकी विश्व कप का अगला संस्करण 2021 में आयोजित किया जाएगा। पुरुषों का संस्करण भारत में आयोजित किया जाएगा, जबकि महिलाएं दक्षिण अफ्रीका में खेलेंगी।