नई दिल्ली में चल रहे मेंस रेसलिंग ट्रायल्स में आज कुछ कड़े मुकाबले देखे गए। मेंस के बाद अब बारी है भारतीय महिला पहलवानों की जो स्पोर्ट्स अथॉरिटी ऑफ़ इंडिया की अगुवाई में कल यानि शनिवार को ट्रायल्स देती दिखेंगी। कुश्ती के ये ट्रायल लखनऊ में आयोजित किए जाएंगे।
मेंस ट्रायल्स की तरह ही यह ट्रायल्स माटेयो पेलिकोन मेमोरियल (जनवरी 15-18), सीनियर एशियन चैंपियनशिप (जनवरी 17-23) और कॉन्टिनेंटल ओलंपिक क्वालिफायर (मार्च 27-30) के लिए रहेंगे।
पिछले साल हुई वर्ल्ड चैंपियनशिप के दौरान भारतीय स्टार विनेश फोगाट ने उम्दा खेल दिखाते हुए ओलंपिक गेम्स का कोटा जीता। इतना ही नहीं आने वाले समय में और ज़्यादा भारतीय महिलाओं को टोक्यो 2020 में शामिल होते देखा जा सकता है।
सीनियर नेशनल चैंपियनशिप जीत कर भारत की दिग्गज पहलवान गुरशरण कौर से उम्मीदें बढ़ गई हैं। इसलिए सभी की नज़रें उनपर टिकी रहेंगी। अपने कड़े प्रदर्शन के लिए जाने जानी वाली गुरशरण से एक बार फिर शानदार प्रदर्शन कर ट्रायल्स को अपनी मुठ्ठी में करने की उम्मीद की जा रही है। यह साफ़ तौर पर ज़ाहिर है की शनिवार को गुरशरण के लिए जीत का महत्व बड़ा है और यह 35 वर्षीय पहलवान मैट पर पूरे जोश के साथ उतरेंगी।
गुरशरण के सामने 72 किग्रा वर्ग की नेशनल चैंपियन किरण बिश्नोई का नाम सबसे पहले लिया जा रहा है। हालांकि बिश्नोई ने अपने वर्ग को बढ़ाकर 76 किग्रा किया है ताकि वह ओलंपिक गेम्स के लिए अपने दांव चल सकें। हम आपको बता दें कि इस पहलवान के लिए 76 किग्रा में लड़ना कोई नई बात नहीं है क्योंकि नूर सुल्तान में हुई चैंपियनशिप में वह इसी वर्ग में अपने देश के लिए खेलती दिखीं थी। हालांकि परिणाम उनके हित में नहीं गए थे और वह क्वालिफिकेशन राउंड भी पार करने में असफल रही थी। कहते हैं न कि खेल की दुनिया में जीत ही सब कुछ नहीं होती, बल्कि खिलाड़ी के लिए अनुभव का भी महत्व होता है। इसी तरह बिश्नोई 76 किग्रा में अपने अनुभव का प्रयोग करती हुई दिखेंगी और अपने प्रतिद्वंदियों को पस्त करने की पूरी कोशोश करेंग3 उम्दा पहलवानों की लड़ाईजहां हर वर्ग में बहुत से तर्रार खिलाड़ी हैं वहीं 57 किग्रा में भी युद्ध घमासान होने वाला है। इस वर्ग में सरिता मोर जैसे खिलाड़ियों का नाम शामिल है और माना जा रहा है कि उनकी भिडंत 2018 में वर्ल्ड चैंपियनशिप में ब्रॉन्ज़ जीतने वाली पूजा ढांडा से हो सकती है। इसके अलावा ललिता सहरावत भी इस ट्रायल्स में अपने प्रदर्शन का तड़का लगाकर कुछ कड़े सवाल पूछ सकती हैं।
साक्षी मलिक को करना होगा बेहतर प्रदर्शन
रियो ओलंपिक में ब्रॉन्ज़ मेडल जीतने वाली साक्षी मलिक भी अपनी फॉर्म से जूझ रहीं हैं। हालांकि मलिक ने एशियन चैंपियनशिप में ब्रॉन्ज़ मेडल जीत कर एक उम्मीद की किरण ज़रूर दिखाई है लेकिन यह कहना गलत नहीं होगा कि अभी उनके और टोक्यो 2020 के बीच का फासला बहुत बड़ा है।
साक्षी मलिक के आगे दो बार की वर्ल्ड कैडेट चैंपियन सोनम मलिक और राधिका भी होंगी। तीनों ही पहलवानों का सफ़र आसान नहीं होगा और तीनों ही इस ट्रायल्स का पूरा फायदा उठाकर अपने कारवां को आगे बढ़ाना चाहेंगी।