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पहली बार अप्रैल 2019 में एशियन एथलेटिक चैंपियनशिप में हिमा दास को पीठ में चोट लगी थी।
भारत की स्टार 400 मीटर स्प्रिंटर हिमा दास (Hima Das) को राष्ट्रीय महासंघ (National Federation) ने 200 मीटर स्पर्धा पर ध्यान केंद्रित करने के निर्देश दिए हैं। फेडरेशन का मानना है कि चोट से वापसी करने के बाद दास 400 मीटर स्पर्धा के लिए पूरी तरह तैयार नहीं हैं।
असम की इस एथलीट को ढिंग एक्सप्रेस के रूप में भी जाना जाता है। 2018 में एशियाई खेलों में 4x400 महिलाओं की और मिश्रित रिले स्पर्धा को जीतकर वह सुर्खियों में आईं। इसके बाद IAAF वर्ल्ड U20 चैंपियनशिप में 400 मीटर स्पर्धा में स्वर्ण पदक जीतकर उन्होंने सभी का दिल जीत लिया।
एथलेटिक्स फेडरेशन ऑफ इंडिया के उच्च-प्रदर्शन निदेशक वोल्कर हेरमैन (Volker Herrmann) ने इंडियन एक्सप्रेस से बात करते हुए कहा, "इस सीजन में 400 मीटर स्पर्धा पर ध्यान केंद्रित करने का कोई मतलब नहीं है, क्योंकि हिमा दास के पास बुनियादी स्तर की फिटनेस नहीं है। 400 मीटर में आपको धीरज रखने की एक उचित आवश्यकता होती है। अब जबकि 2020 ओलंपिक में क्वालिफाइंग के लिए महज़ साढ़े चार महीने हैं, हम पिछले सीज़न की गलतियों को दोहराना नहीं चाहते हैं और न ही इस एथलीट पर जबरदस्ती दबाव डालना चाहते हैं।”
उन्होंने आगे कहा, “अगर हिमा दास को 400 मीटर की प्रतियोगिताओं में डालते हैं तो उनपर बहुत दबाव होगा। वह अभी भी युवा हैं और हम जल्दबाज़ी नहीं करना चाहते हैं।”
हिमा दास की चोट का पहली बार खुलासा उस वक्त हुआ जब 2019 के विश्व चैंपियनशिप में उन्हें पीठ में लगी चोट के कारण प्रतियोगिता से बाहर कर दिया गया। चोट इतनी अधिक थी कि वह 4 × 400 मीटर की दौड़ और मिक्सड रिले स्क्वॉड में भी प्रतिभागिता नहीं कर सकीं।
बाद में इस 19 वर्षीय एथलीट को आईएएएफ वर्ल्ड रिलेज़ के लिए फिट नहीं पाया गया, जो उस साल मई महीने में योकोहामा में आयोजित किया गया था। असम की ये एथलीट लूम्बर स्पॉन्डिलाइटिस नामक बीमारी से पीड़ित थीं। यह बीमारी किसी भी एथलीट के करियर को काफी नुकसान पहुंचा सकती है। इस बीमारी का खुलासा अप्रैल में दोहा में होने वाले एशियाई एथलेटिक चैंपियनशिप में योकोहामा इवेंट से पहले हुआ।
हिमा दास ने चोट की वजह से 2019 के अभियान को पीछे छोड़ दिया। अब फेडरेशन ने हिमा दास को लेकर एक एहतियाती कदम उठाया है। हेरमैन के अनुसार उन्हें 200 मीटर की रेस पर ध्यान केंद्रित करने की सलाह दी गई है।
हेरमैन ने कहा "उन्हें व्यक्तिगत तौर अपने लक्ष्य में सुधार करना है और उम्मीद है कि 2021 में उन्हें अपने बेहतर स्पीड बेस के साथ आगे बढ़ेंगी। वह अपने 400 मीटर की रेस के प्रदर्शन को बेहतर बनाने में ध्यान केंद्रित कर सकती है।"
यह निर्णय सामूहिक रूप से AFI के थिंक-टैंक द्वारा लिया गया था, जिसमें मुख्य कोच बहादुर सिंह, डिप्टी चीफ कोच राधाकृष्णन नायर, (400-मीटर) कोच गैलिना बुखारीना और हेरमैन शामिल थे।
हिमा दास को 200 मीटर की रेस पर ध्यान देने को इसलिए कहा गया है ताकि वह 2021 में होने वाले लंबे इवेंट्स के लिए अपनी स्पीड को बढ़ा सकें। इस फैसले का अंतिम लक्ष्य यह है कि हिमा दास को विश्व स्तरीय 400 मीटर धावक के औसत (22.80 सेकेंड में 200 मीटर) के करीब पहुंचाया जा सके, जिससे कि वह एक-लैप की दौड़ में और भी अधिक तेजी से दौड़ सकें।
एथलीट विश्व स्तर के 400 मीटर धावक के करीब हैं। इसके अलावा वह (22.30 सेकंड में 200 मीटर) के करीब है, जो उन्हें वन-लैप की रेस में स्पीड बढ़ाने में मदद मिलेगी।
हालांकि, हिमा दास का यह फैसला 2020 ओलंपिक के सपने को प्रभावित करेगा, जहां अब वह 200 मीटर की रेस में हिस्सा लेंगी। बता दें कि 200 मीटर की रेस में हिमा दास का व्यक्तिगत सर्वश्रेष्ठ रिकॉर्ड 23.10 सेकंड रहा है, जिसे उन्होंने 2018 के मध्य में हासिल किया था। वहीं, अब हिमा को खेल के मानकों को पूरा करना होगा, जो आधिकारिक रूप से 22.80 सेकंड निर्धारित है।
वहीं, अगर हिमा दास के प्रदर्शन के बारे में बात करें तो उन्होंने पिछले साल शानदार प्रदर्शन किया था, जहां उन्होंने एक महीने में पांच स्वर्ण पदक हासिल किए थे। जिनमें से चार पदक उन्होंने 200 मीटर की स्पर्धा में हासिल किए थे।
आपको बता दें, हिमा दास अभी भी टोक्यों 2020 ओलंपिक में भारत का प्रतिनिधित्व कर सकती हैं, AFI इस 20 वर्षीय एथलीट को अब 4X400 मीटर रिले स्क्वॉड में एक संभावित प्रतिभागी के तौर पर देख रहा है।
हेरमैन ने कहा, "संभवतः वह रिले में दौड़ सकेंगी लेकिन फिर भी हमें एक बार देखना होगा। फिलहाल इसके बारे में अभी कुछ भी कहना थोड़ी जल्दबाज़ी होगी।”
भारत का रिले स्क्वॉड मई के आखिरी में जर्मनी से मुकाबला करेगा। जिसके चलते उनकी नज़र टॉप-16 में जगह बनाने के लिए अपने प्रदर्शन और टाइमिंग में सुधार करने पर होगी। क्योंकि यही ओलंपिक के लिए कट-ऑफ रैंक है।
संस्थापक साथी