भारतीय स्कीट निशानेबाजी के पथप्रदर्शक मेराज अहमद खान 45 साल की उम्र में भी फिटनेस के मामले में एक उदाहरण पेश किया है।
स्कीट शूटिंग में पहले भारतीय के रूप में ओलंपिक का कोटा हासिल करके खान ने देश को गौरवान्वित किया है। इससे पहले सितंबर 2015 में उन्हें 2016 रियो ओलंपिक में जगह मिली थी। उन्होंने 2016 में इंटरनेशनल शूटिंग स्पोर्ट फेडरेशन (ISSF) की ओर से अप्रैल में रियो डी जनेरियो में आयोजित वर्ल्ड कप में रजत पदक पर कब्जा जमाया था। इस एक प्रदर्शन ने उन्हें विश्व कप पदक के साथ ओलंपिक में जगह भी पक्की करवा दी। ऐसा करने वाले वो अकेले भारतीय हैं।
नवंबर 2020 में दोहा की एशियाई चैंपियनशिप में बेहतर प्रदर्शन के साथ खान टोक्यो 2020 में भारत का प्रतिनिधित्व करने के लिए तैयार हैं। उन्होंने चैंपियनशिप की स्कीट में 1-2 के स्कोर पर हमवतन अंगद बाजवा के साथ क्वालीफाई किया।
खान ने इस मार्की इवेंट के लिए डॉ करणी सिंह शूटिंग रेंज में प्रशिक्षण लिया। सर्वोत्कृष्ट प्रदर्शन करने के लिए उन्होंने फिटनेस के लिये नियमानुसार परहेज किया और आहार लिया।
मेराज खान ने ओलंपिक चैनल को बताया, "स्ट्रेचिंग, फोम रोलिंग आदि के साथ दिन की सामान्य शुरूआत होती है। इसके बाद घर में स्वस्थ्य के लिए फायदेमंद हल्दी लट्टे बनाया जाता है जो मुझे पूरे दिन मजबूत बनाए रखता है। इसके बाद में तैयार होता हूं और फिर नाश्ता करके प्रशिक्षण के लिए निकल जाता हूं। जिम सत्र केवल शाम 5 बजे ही होता है।"
45 साल की उम्र में वो अपने आहार को लेकर बहुत सतर्क हैं। उनका मानना है कि यह किसी भी एथलीट के लिए सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने की दृष्टि से महत्वपूर्ण पहलू है। खान स्वस्थ के लिए फायदेमंद नाश्ते के साथ दिन की शुरुआत करते हैं। इसके साथ ही अपने आहार में पोषण का सही मिश्रण का महत्व जानते हैं।
खान ने खुलासा किया, "आहार एक एथलीट के लिए महत्वपूर्ण पहलू है, चाहे फिर वो स्कीट शूटर हो या कोई और। मैं स्वास्थ्यवर्धक नाश्ते से दिन की शुरू करता हूं। इसके बाद दोपहर के भोजन में प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट और फाइबर से युक्त संतुलित आहार लेता हूं। रात का खाना आमतौर पर हल्का होता है जिसमें सलाद के साथ सूप और हर दिन वैकल्पिक रूप से या तो ग्रील्ड मछली, या चिकन शामिल होता है।"
खान इस बार रियो 2016 में किए प्रदर्शन से बेहतर करने की उम्मीद कर रहे हैं। उन्होंने रियो में 125 में से 121 निशाने एकदम सही लगाये लेकिन फाइनल के लिए क्वालीफाई नहीं कर सके। वह फाइनल में अंतिम दो स्थानों के लिए एक ही स्कोर पर पांच अन्य निशानेबाजों के साथ बराबरी पर थे लेकिन खान शूट-ऑफ में हार गए।
भारत में स्कीट शूटिंग वास्तव में बहुत लोकप्रिय गेम नहीं है और जब से इसमें रुचि पैदा हुई है तब से यह काफी आगे बढ़ा है। केवल खान और बाजवा ही स्कीट निशानेबाज में टोक्यो ओलंपिक में भारत का प्रतिनिधित्व करेंगे।
खान स्कीट शूटिंग को लेकर लोगों का दृष्टिकोण बदलना चाहते हैं। वो अगली पीढ़ी को इस खेल में आगे बढ़ाने के लिए अपनी शूटिंग फाउंडेशन शुरू करने की योजना बना रहे हैं। उन्हें लगता है कि शूटिंग एक महंगा खेल है जिसे वो इच्छुक बच्चों के लिए सुलभ बनाना चाहते हैं।
उन्होंने कहा, "मैं निश्चित रूप से एक शूटिंग स्पोर्ट्स फाउंडेशन शुरू करने जा रहा हूं। इसके जरिये में इस विशेष खेल में उभरती भारतीय प्रतिभाओं को निखारना चाहता हूं। मेरी फाउंडेशन शूटिंग के सभी खेल प्रेमियों के लिए वन-स्टॉप शॉप होगी।"
"इस महंगे और संवेदनशील खेल के प्रति बेहतर समझ, मार्गदर्शन और दृष्टिकोण की जरूरत होती है, जो अभी तक नजर नहीं आती। इसलिए मैंने फाउंडेशन खोलने के बारे में सोचा। हालांकि वर्तमान की वैश्विक स्थिति नई परियोजनाओं को शुरू करने की खुली स्वतंत्रता नहीं देती। इसलिए मैं इसे शुरू करने के लिए सही समय की प्रतीक्षा कर रहा हूं।"