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इस सप्ताह फिर से शुरू होने वाले राष्ट्रीय तीरंदाजी शिविर के साथ, अनुभवी भारतीय तीरंदाज का मानना है कि शीर्ष तीरंदाजों को लय में वापस आने में लगभग एक महीने का समय लगेगा।
पुणे में आर्मी स्पोर्ट्स इंस्टीट्यूट (ASI) में आइसोलेशन में ट्रेनिंग के महीनों बाद, अनुभवी तीरंदाज तरुणदीप राय (Tarundeep Rai) इस सप्ताह राष्ट्रीय शिविर में भारतीय टीम के साथ शामिल होने के लिए उत्साहित हैं।
एक तरफ कुछ मुट्ठी भर तीरंदाजों ने एएसआई सुविधा में 70 मीटर की दूरी का अभ्यास किया है, तो दूसरी ओर अतानु दास (Atanu Das) और दीपिका कुमारी (Deepika Kumari) 14 दिनों की क्वारंटाइन अवधि के बाद आने वाले दिनों में ग्रुप में शामिल हो सकते हैं।
तरुणदीप राय ने ओलंपिक चैनल से बात करते हुए कहा, "एक बार फिर से सभी के साथ मिलना अच्छा है। लेकिन हमें बहुत सावधान रहने की जरूरत है।”
"हाँ, ये अच्छी बात है कि शिविर इतने लंबे ब्रेक के बाद फिर से शुरू हो सकता है। लेकिन इसका मतलब ये नहीं है कि हम COVID-19 से मुक्त हैं। हमें बेहद सावधानी बरतने और ये सुनिश्चित करने की जरूरत है कि स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर का अच्छी तरह से पालन किया जाए।
तरुणदीप राय ने कहा, “हमें स्वयं जागरूक होने और सभी आवश्यक सावधानी बरतने की आवश्यकता है। हमारे लिए सबसे अच्छी चीज ये है कि तीरंदाज़ी में किसी प्रकार कोई संपर्क खेल नहीं होता है।”
मार्च के बाद से अधिकांश तीरंदाजों ने लॉकडाउन का पालन किया, 36 वर्षीय राय ने महसूस किया कि वो एक बार फिर अपनी लय में आएंगे।
दो बार के ओलंपियन ने कहा, “मुझे लगता है कि इसमें थोड़ा समय लग सकता है। जहां तक मुझे लगता है। पिछले महीनों में तीरंदाजी करने का विकल्प नहीं था। इसलिए, कोरोना वायरस महामारी की वजह से उस लय को पाने में समय लगेगा।”
तरुणदीप राय ने कहा, “जो लोग क्वारंटाइन से गुज़र रहे हैं, उन्हें अपने ट्रेनिंग को जारी रखने की सलाह दी गई है ताकि जब वो तीरंदाजी के लिए उतरें, तो वो एक निश्चित स्तर पर हों। मेरे विचार से, शीर्ष ग्रुप के तीरंदाजों को अपनी लय हासिल करने के लिए लगभग 20-25 दिन लगेंगे।”
हालांकि, तरुणदीप राय के लिए स्थिति थोड़ी अलग है, जिन्होंने प्रवीण जाधव (Pravin Jadhav) के साथ लॉकडाउन अवधि के दौरान आर्मी इंस्टीट्यूट में रहने का फैसला किया था।
"मेरा एक बेटा है, जो घर पर है, इसलिए वापस जाना थोड़ा मुश्किल था। सिक्किम के निवासी ने कहा, इसकी वजह से ही मैं घर वापस नहीं जाना चाहता था। यहाँ मुझे नहीं लगता कि मेरा प्रशिक्षण बहुत बाधित हुआ था। चूंकि मैं यहां था, मैं बार-बार रेंज में जाकर अभ्यास कर सकता था और शूटिंग कर सकता था। ”
इस साल कोई अंतरराष्ट्रीय कार्यक्रम निर्धारित नहीं होने से भारतीय टीम को आने वाले महीनों में सावधानी वाला रुख अपनाने की उम्मीद है।
लेकिन खुद को परखने की कोई घरेलू प्रतिस्पर्धा नहीं होने के कारण, तरुणदीप राय का मानना है कि यह उनके लिए आसान नहीं होगा।
"ये एक मुश्किल स्थिति है। हां, एक फायदा है कि हमारे पास कोई अंतरराष्ट्रीय कार्यक्रम या कोई क्वालिफिकेशन इवेंट नहीं होने वाला है। इसलिए, हमारे पास लय में वापस आने के लिए पर्याप्त समय होगा। लेकिन तब हम इस अवधि के दौरान कोई घरेलू इवेंट में भी भाग नहीं ले रहे होंगे। इसलिए, हम अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिता के लिए कितने तैयार होंगे, यह कहना मुश्किल है। यदि आप संयुक्त राज्य अमेरिका और दक्षिण कोरिया जैसे देशों को देखते हैं, तो वहां के तीरंदाज विभिन्न राष्ट्रीय आयोजनों में प्रतिस्पर्धा करते रहे हैं। इसलिए, जब कोई अंतरराष्ट्रीय इवेंट होगा, तो मुझे लगता है कि वो बेहतर लय में होंगे क्योंकि वे प्रतिस्पर्धी माहौल में भी शूटिंग कर चुके होंगे।"
लेकिन इन स्थितियों के बावजूद, भारतीय तीरंदाज कड़ी मेहनत के साथ मैदान में उतरने के लिए बेकरार हैं और उम्मीद कर रहे हैं कि अगले साल टोक्यो में वो बेहतर करें।
संस्थापक साथी