अर्जेंटीना के खिलाफ भारतीय महिला हॉकी टीम जीत तो न सकी लेकिन चीफ कोच शोर्ड मारिन (Sjoerd Marijne) का मानना है कि विश्व नंबर 2 की टीम के खिलाफ खेलने से भारतीय टीम को बहुत फायदा मिला है।
ब्यूनस आयर्स के लिए रवाना होने से पहले हॉकी इंडिया से बातचीत के दौरान ज़ाहिर किया कि ओलंपिक के लिए यह अनुभव भारतीय महिला हॉकी टीम के लिए आत्मविश्वास का काम करेगा।
शोर्ड मारिन ने अलफ़ाज़ साझा करते हुए कहा “यह टूर हमे अर्जेंटीना जैसी सर्वश्रेष्ठ स्तर की टीम के खिलाफ खेलने का विश्वास देगा। हमने उस अनुभव को जीया है जो अर्जेंटीना जैसी मज़बूत टीम के खिलाफ जीतना सिखाती है और यह अच्छी टीम के सामने खुद को टटोलने का मौका भी है।”
“सीनियर महिला टीम के खिलाफ सभी 3 मुकाबले कड़े रहे हैं और इनका परिणाम कुछ भी निकल सकता था। जिस मुकाबले में हम 0-2 से हार गए उसमें भी अर्जेंटीना का प्रभाव अच्छा था लेकिन हमारे खेलने का स्तर भी बहुत उंचा था।”
भारतीय हॉकी टीम ने अपने टूर की शुरुआत अर्जेंटीना जूनियर टीम के खिलाफ की थी जहां दो मुकाबलों के बाद स्कोर 2-2 और 1-1 रहा था।
इसके बाद रानी रामपाल (Rani Rampal) की अगुवाई में खेल रही भारतीय टीम को अर्जेंटीना B टीम ने 1-2 और 2-3 से मात दी थी। सीनियर टीम के खिलाफ स्कोर चाहे भारत के खिलाफ रहा था लेकिन एक मुकाबला ऐसा भी रहा जहां अंतिम स्कोर 1-2 से बराबर भी रहा।
टूर के बाद भारतीय महिला हॉकी टीम की कप्तान रानी रामपाल ने कहा “2017 में हम वर्ल्ड लीग के सेमीफाइनल में अर्जेंटीना के खिलाफ खेले थे और उस समय उन्होंने हमे कोई मौका नहीं दिया था। हम उनके सर्किल में तक नहीं पहुंच पा रहे थे। हमे कोई मौका नहीं मिल पा रहा था।”
“मुझे याद है जब हम अर्जेंटीना जैसी दिग्गज टीम के सामने खेलने जाते थे तो हम एक दूसरे को कहते भी थे कि हमे कोशिश कर के स्कोर को कम रखना है लेकिन अब हम मुकाबला जीतने जाते हैं।”
कप्तान ने बातचीत को आगे बढ़ाते हुए कहा “पहले से अब में बहुत फर्क है और कुछ फर्क हमारे
खेलने के तरीके में भी है। अब हम बेशक बड़ी टीमों को हरा सकते हैं। पूरे दौरे का अनुभव बहुत अच्छा रहा है पर कोरोना वायरस की वजह से मिली ब्रेक के बावजूद भी हम अपने लेवल को समझते हैं।”
वहीं कोच शोर्ड मारिन के लिए यह टूर अनुभव से भरा रहा है उन्हें लगता है कि यही अनुभव आगे चल कर टीम के लिए फायदा लेकर आएगा।
कोच ने टिप्पणी देते हुए कहा “यह दौरा उन खिलाड़ियों के लिए भी अहम था जिनके पास अंतरराष्ट्रीय स्तर का तजुर्बा नहीं है। यह एक लम्बी प्रक्रिया है और यह टीम के भविष्य के लिए भी अच्छा है।”