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ऐसे भारी समय में पूर्व ओलंपियन जनता और देश की मदद करने उतरे।
COVID-19 की वजह से सभी खिलाड़ी कुछ अलग तरीके अपना रहे हैं। कोई घर में ट्रेनिंग कर रहा है तो कोई पारिवारिक समय व्यतीत कर रहा है। अगर बात करें कॉमनवेल्थ गेम्स में गोल्ड मेडल जीतने वाले अखिल कुमार की जो कि वर्तमान में वे असिस्टेंट कमिश्नर ऑफ़ पुलिस की की पोस्ट पर काबिज है। वह लॉकडाउन के समय अपनी ज़िम्मेदारियों को बखूबी निभा रहे हैं। आजकल अखिल कुमार का ध्यान सरकार के बनाए नियमों का आम जनता से पालन करवाना है।
प्रेस ट्रस्ट ऑफ़ इंडिया से बात करते हुए अखिल ने कहा “हालांकि जनता नियमों का पालन कर रही है और सभी ज़रूरी चीज़ें भी उपलब्ध हैं। मेरा मानना है कि इस समय को सुधारने का एक ही तरीका है और वे है आत्म अलगाव।”
अपनी ड्यूटी के अलावा दो बार के ओलंपियन अखिल कुमार गरीब परिवारों को सेनीटाइज़र और खाना प्रदान कर रहे हैं। वही दूसरी तरफ जितेंदर कुमार भी घंटो ड्यूटी कर अपने फ़र्ज़ को निभा रहे हैं। वह ध्यान दे रहे हैं कि सभी लोग अपने घरों में सुरक्षित रहें और इस वायरस से एक साथ हो कर लड़ सकें। गौरतलब है कि जितेंदर कुमार एशियन गेम्स में ब्रॉन्ज़ मेडल जीत चुके हैं और उन्होंने बीजिंग 2008 में भारत का प्रतिनिधित्व भी किया था।
जितेंदर कुमार ने बताया “हम अपना सर्वश्रेष्ठ दे रहे हैं। जो लोग घर में रह सकते हैं उन्हें घर में ही रहना चाहिए। कुछ लोग हैं जो पालन नहीं कर रहे इसलिए उन सभी लोगो को संभालना हमारी ज़िम्मेदारी बनती है।
ऐसे में भारतीय हॉकी टीम के पूर्व ड्रैगफ्लिकर संदीप सिंह भी अपनी ज़िम्मेदारियों को बखूबी निभा रहे हैं। हरियाणा के खेल मंत्री संदीप सुनिश्चित कर रहे हैं कि उनके राज्य में सभी लोगों तक ज़रूरत का सामान पहुंचता जाए।
इसी बीच भारतीय फुटबॉल टीम के कप्तान सुनील छेत्री (Sunil Chhetri) एशियन फुटबॉल कांफेडेरेशन (AFC) के अभियान में जुटे हैं। यह अभियान जनता को स्वच्छता का पालन करने के लिए प्रेरित करता है।
सुनील ने इस बारे में कहा “सभी लोग इस समस्या से परेशान हैं, ऐसे में हमे एक टीम की तरह साथ रहकर इस समस्या को भगाना होगा।”
ट्रैक एंड फील्ड एथलीट हिमा दास और खेल मंत्री किरेन रिजिजू ने भी कोरोना वायरस के खिलाफ जंग लड़ने की शपथ उठाई। हिमा दास ने ट्वीट कर ज़ाहिर किया कि वे अपनी एक महीने की आय दान करेंगी। वहीं किरेन रिजिजू ने 1 करोड़ रुपए देने का फैसला किया।
इतना ही नहीं बजरंग पुनिया, पीवी सिंधु और सानिया मिर्ज़ा ने भी दिहाड़ी मजदूरों के लिए मदद के हाथ बढ़ाए। असल मायनों में इन खिलाड़ियों ने फील्ड के बाहर ऐसे कार्य कर साबित कर दिया कि वे असल ज़िन्दगी में भी हीरो हैं।
संस्थापक साथी