इस महीने की शुरुआत में इंटरनेशनल गवर्निंग बॉडी ने इस साल विश्व चैंपियनशिप के साथ प्रतियोगिताओं को शुरू करने के अपने निर्णय की पुष्टि की।
दिसंबर में सर्बिया के बेलग्रेड में आयोजित होने वाली वर्ल्ड रेसलिंग चैंपियनशिप साल की एकमात्र इवेंट होगी, जहां दुनियाभर के पहलवान प्रतिस्पर्धा करना चाहेंगे।
हालांकि, दुनियाभर में बहुत कम प्रतिस्पर्धी मुक़ाबलों के होने की वजह से पहलवानों को परेशानी हो सकती है, क्योंकि उन्हें बेलग्रेड इवेंट के लिए तैयारी करने का मौका नहीं मिलेगा। लेकिन 65 किग्रा वर्ग में प्रतिस्पर्धा करने वाले बजरंग पुनिया (Bajrang Punia) को इस बात की कोई फिक्र नहीं है।
बजरंग ने पीटीआई से कहा, “इससे कोई फर्क नहीं पड़ता, हमें कहीं से तो शुरू करना ही है और चूंकि सभी एक ही जैसी स्थिति में हैं, तो ये अच्छा है। मेरा लक्ष्य ओलंपिक है।”
हालांकि पोलैंड में 4-8 नवंबर तक और रूस में 7-8 नवंबर तक इंविटेशनल टूर्नामेंट होने हैं, लेकिन देश में COVID-19 स्थिति को देखते हुए भारतीय कुश्ती दल को वहां भेजने की संभावना कम है।
बजरंग ने कहा, "इन आयोजनों में किसी भी तरह के पहलवान आ सकते हैं, लेकिन दुनिया में प्रत्येक श्रेणी का केवल एक ही पहलवान होगा, इसलिए मुझे नहीं लगता कि रूस या पोलैंड की यात्रा करना समझदारी है।"
बजरंग ने कहा, “मुझे अभी भी संदेह है कि विश्व चैंपियनशिप आयोजित होगा कि नहीं। हमें सुनने को मिल रहा है कि कोरोना वायरस के मामले यूरोप में फिर से बढ़ रहे हैं।”
भारतीय पहलवान एक महीने से अधिक समय से हरियाणा के सोनीपत में राष्ट्रीय शिविरों में प्रशिक्षण में व्यस्त हैं।
बजरंग पुनिया ने ये स्वीकार किया कि मैट पर वापस आना एक राहत की बात है, उन्होंने ये भी माना कि कुछ प्रतिस्पर्धी मुक़ाबलों के बाद ही प्रदर्शन के स्तर का आकलन किया जा सकता है।
बजरंग पुनिया ने कहा, "ये बहुत अच्छा है कि हम प्रशिक्षण के लिए वापस आ गए हैं, ऐसा नहीं है कि हम लय से बाहर थे क्योंकि हम लॉकडाउन के दौरान अपने घरों में प्रशिक्षण ले रहे थे लेकिन कैंप में की गई प्रशिक्षण की तुलना किसी से भी नहीं की जा सकती है और जब हम ट्रेनिंग कर रहे हैं।”
“लॉकडाउन की घोषणा से पहले हम अच्छी लय में थे। अब भी हमारी ट्रेनिंग अच्छी चल रही है लेकिन हम केवल अपने स्तर को जानेंगे और जब हम प्रतिस्पर्धा करेंगे तो हम कहां खड़े है वो भी पता चलेगा।
भारत को 2019 विश्व कुश्ती चैंपियनशिप में अपने कांस्य पदक के साथ ओलंपिक कोटा दिलाने वाले 26 साल के पुनिया ने कहा, "एक खिलाड़ी खेल कर ही जान पाएगा कि वो कहां खड़ा है।"